मंगलवार, 1 जून 2010

आभार

बोधि पुस्तक पर्व के प्रति आपके अपार स्नेह के लिए हार्दिक धन्यवाद। आपका स्नेह एवं सहयोग इसी प्रकार बना रहे। एक बार फिर से आपका आभार।

1 टिप्पणी:

  1. आदरणीय मायामृग जी, आपका प्रयास ऐसे ही निर्विरोध और निर्विकार रूप से सफलता के पथ पर अग्रसर होता रहे..ऐसी मेरी शुभकामना है ...इस पुनीत प्रयास का एक बार पुनः साधुवाद और नमन !

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